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जल कर दे
ईश्वर मुझको जल कर दे
सीमित कर सागर कर दे
मोड़े तू जिस ओर मुझे
चल दूँ दे जी-जान तुझे
चट्टानों से ढल कर के
निर्मल निर्झर सा कर दे
बहती जाऊं तेरी ओर
हर को लेकर अपनी ओर
पीड़ा मेरी हर कर के
वाणी मेरी सुन कर के
मंज़िल मेरी तय कर दे
ईश्वर मुझको जल कर दे
-
वाणी मुरारका
Vani Murarka
[email protected]
विषय:
भक्ति और प्रार्थना (31)
सहजता (8)
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जल कर दे
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झाँकता
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बिल्डिंगों की ओट में
चलता है साथ-साथ
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..
पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें...
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'सबसे ताक़तवर'
आशीष क़ुरैशी ‘माहिद’
जब आप कुछ नहीं कर सकते
तो कर सकते हैं वो
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दरिया का तिनका
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..
पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें...
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गीता दूबे
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चीर कर गमों के अँधेरे को
जिंदगी आज फिर से मुस्कराती है।
धमाका फिर गूंजता है
पर बमों और बंदूकों का नहीं
पटाखों के साथ-साथ
गूंजती है किलकारियाँ भी।
सहमे से मुरझाए होठों पर
..
पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
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