अप्रतिम कविताएँ
किससे माँगें अपनी पहचान
हीय में उपजी,
पलकों में पली,
नक्षत्र सी आँखों के
अम्बर में सजी,
पल‍ ‍दो पल
पलक दोलों में झूल,
कपोलों में गई जो ढुलक,
मूक, परिचयहीन
वेदना नादान,
किससे माँगे अपनी पहचान।

नभ से बिछुड़ी,
धरा पर आ गिरी,
अनजान डगर पर
जो निकली,
पल दो पल
पुष्प दल पर सजी,
अनिल के चल पंखों के साथ
रज में जा मिली,
निस्तेज, प्राणहीन
ओस की बूँद नादान,
किससे माँगे अपनी पहचान।

सागर का प्रणय लास,
बेसुध वापिका
लगी करने नभ से बात,
पल दो पल
का वीचि विलास,
शमित शर ने
तोड़ा तभी प्रमाद,
मौन, अस्तित्वहीन
लहर नादान,
किससे माँगे अपनी पहचान

सृष्टि ! कहो कैसा यह विधान
देकर एक ही आदि अंत की साँस
तुच्छ किए जो नादान
किससे माँगे अपनी पहचान।
- दीपा जोशी
Deepa Joshi
Email : [email protected]
Deepa Joshi
Email : dineshdeepa <at> yahoo.com
विषय:
जीवन (37)
अध्यात्म दर्शन (34)

***
सहयोग दें
विज्ञापनों के विकर्षण से मुक्त, काव्य के सुकून का शान्तिदायक घर... काव्यालय ऐसा बना रहे, इसके लिए सहयोग दे।

₹ 500
₹ 250
अन्य राशि
दीपा जोशी
की काव्यालय पर अन्य रचनाएँ

 किससे माँगें अपनी पहचान
 माँ की व्यथा
इस महीने :
'युद्ध की विभीषिका'
गजेन्द्र सिंह


युद्ध अगर अनिवार्य है सोचो समरांगण का क्या होगा?
ऐसे ही चलता रहा समर तो नई फसल का क्या होगा?

हर ओर धुएँ के बादल हैं, हर ओर आग ये फैली है।
बचपन की आँखें भयाक्रान्त, खण्डहर घर, धरती मैली है।
छाया नभ में काला पतझड़, खो गया कहाँ नीला मंजर?
झरनों का गाना था कल तक, पर आज मौत की रैली है।

किलकारी भरते ..

पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
इस महीने :
'नव ऊर्जा राग'
भावना सक्सैना


ना अब तलवारें, ना ढाल की बात है,
युद्ध स्मार्ट है, तकनीक की सौगात है।
ड्रोन गगन में, सिग्नल ज़मीन पर,
साइबर कमांड है अब सबसे ऊपर।

सुनो जवानों! ये डिजिटल रण है,
मस्तिष्क और मशीन का यह संगम है।
कोड हथियार है और डेटा ... ..

पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
इस महीने :
'दरवाजे में बचा वन'
गजेन्द्र सिंह


भीगा बारिश में दरवाजा चौखट से कुछ झूल गया है।
कभी पेड़ था, ये दरवाजा सत्य ये शायद भूल गया है।

नये-नये पद चिन्ह नापता खड़ा हुआ है सहमा-सहमा।
कभी बना था पेड़ सुहाना धूप-छाँव पा लमहा-लमहा।
चौखट में अब जड़ा हुआ है एक जगह पर खड़ा हुआ है,
कभी ठिकाना था विहगों का आज ...

..

पूरी प्रस्तुति यहाँ पढें और सुनें...
संग्रह से कोई भी रचना | काव्य विभाग: शिलाधार युगवाणी नव-कुसुम काव्य-सेतु | प्रतिध्वनि | काव्य लेख
सम्पर्क करें | हमारा परिचय
सहयोग दें

a  MANASKRITI  website